
बिलासपुर डीपी विप्र महाविद्यालय मे टीकाकरण का आयोजन:-
आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर
बिलासपुर। स्थानी डीपी विप्र महाविद्यालय में नगर निगम बिलासपुर एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय सेवा योजना, रेड क्रॉस सोसाइटी, एनसीसी डीपी विप्र महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विशाल टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 100 से अधिक नागरिक लाभान्वित हुए l कार्यक्रम की सफलता की सराहना महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अंजू शुक्ला, डॉ.मनीष तिवारी, एलुमनी कमेटी अध्यक्ष श्री अविनाश शेट्टी, डॉ.एम एल जयसवाल, डॉ.एमएस तंबोली, डॉ आशीष शर्मा, डॉ.आभा तिवारी, प्रोफेसर किरण दुबे, प्रोफ़ेसर निधिश चौबे, डॉ अजय यादव, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर रीना ताम्रकार, प्रोफ़ेसर यूपेश कुमार द्वारा किया गया l
इस टीकाकरण कार्यक्रम में नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी, जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा का मार्गदर्शन व अभय श्रीवास्तव, ठाकुर राजेंद्र सिंह, घनश्याम तिवारी, कमल निर्मलकर, स्वास्थ्य विभाग से संध्या एक्का, भुनेश्वर त्रिपाठी का विशेष सहयोग रहा l
आइए, जानें किसे कहते हैं वैक्सीन?
हमारे शरीर में किसी बीमारी के प्रति लड़ने की प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए जो दवा दी जाती है उसे ही टीका व वैक्सीन कहते हैं। वैक्सीन को किसी भी रूप में हमारे शरीर में भेजा जाता है। हो सकता है कि यह दवा आपको खिलाई जाए, पिलाई जाए या इंजेक्शन के माध्यम से इसे आपके शरिर में डाली जाए।
वैक्सीन की दवा कैसे काम करती है?
वैसे तो हमारे शरीर में एक इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षण तंत्र) होता है जो किसी भी प्रकार की बिमारी से लड़ता है और हमें उससे बचाता है। कुछ लोगों का यह सिस्टम मजबूत होता है तो कुछ का कमजोर होता है। जब किसी बीमारी वाले जर्म्स हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हमें बीमार करने लगते हैं, तब हमारा शरीर इन जर्म्स की पहचान कर लेता है कि यह हमें नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक जर्म्स हैं। ऐसे में हमारी बॉडी खुद ब खुद ही इन हानिकारक जर्म्स से लड़ने के लिए एक तरह का प्रोटीन बनाने लगती है जिसे एंटीबॉडीज कहते हैं।
वैक्सीन की दवा में क्या दिया जाता है?
टीके के रूप में दी जाने वाली दवा में भविष्य में संभवत: आने वाली बीमारी जैसे हेपेटाइटिस बी, खसरा, टिटनेस, पोलियो व काली खांसी आदि के जीवाणु या विषाणु और जर्म्स जीवित व मृत अवस्था में, लेकिन बहुत ही कम मात्रा में हमारे शरीर में डाल दिए जाते हैं, जिसके बाद हमारी बॉडी स्वत: इनसे लड़ने और हमें बचाने के लिए एंटीबॉडीज बनाने लग जाती है और एक बार बनने के बाद यह एंटीबॉडीज हमेशा हमारे शरीर में मौजूद रहती है और जब कभी भी भविष्य में इसी बीमारी जिसका हमने वैक्सीनेशन व टीकाकरण करवाए हैं, इसके जर्म्स हमें अटैक करते है तब वैक्सीन के द्वारा तैयार हुए हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज हमें उस घातक बीमारी से बचाती हैं। इसीलिए किसी भी संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए टीकाकरण करवाना बहुत जरुरी है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अजय सोनवानी, मोइन खान, हेमलता, शिवा गायकवाड, मनीषा, रोशनी साहू, विवेक बंजारे, शिव शंकर, अंशिका, साकेत चंद्र, पूजा वर्मा, रीना यादव, तंजीम बेगम, सभ्य श्रीवास, अनुपम भार्गव, संतोषी यादव, मनीष सिंह, भाविक, रूद्र प्रताप, रितेश कुमार, अश्वनी कुमार, विशाल, पारुल, विभांशु अवस्थी, विनीश विश्वकर्मा द्वारा सक्रिय रुप से इस टीकाकरण कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रदान की गई l